चंद्रयान-3 के बाद ISRO की एक और लॉन्चिंग, 7 उपग्रहों को लेकर अंतरिक्ष में पहुंचा ‘PSLV-C56’, सफल रहा मिशन
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हाइलाइट्स
चंद्रयान-3 की सफल लॉन्चिंग के बाद इसरो का नया कारनामा.
ISRO ने 7 उपग्रहों के साथ पीएसएलवी-सी56 लॉन्च किया.
यह मिशन पीएसएलवी की 58वीं उड़ान है.
नई दिल्ली. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने आज सुबह 6.30 बजे सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (SDSC), श्रीहरिकोटा (Sriharikota) से 7 उपग्रहों के साथ पीएसएलवी-सी56 (PSLV-C56’) को लॉन्च किया है. चंद्रयान-3 की सफल लॉन्चिंग के बाद इसरो का ये नया कारनामा है. इस मौके पर सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में मिशन नियंत्रण केंद्र पर इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ और अन्य अधिकारी मौजूद हैं. इसरो ने कहा कि मिशन सफलतापूर्वक पूरा हो गया है. PSLV-C56 से सभी उपग्रहों को उनकी इच्छित कक्षाओं में सटीक रूप से प्रक्षेपित किया गया. इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने लॉन्च के सफलता से पूरा होने के बाद कहा कि ‘बधाई हो, प्राथमिक उपग्रह डीएस-एसएआर और दूसरे 6 उपग्रहों सहित 7 उपग्रहों को ले जाने वाले पीएसएलवी-सी56 को सफलतापूर्वक सही कक्षा में स्थापित किया गया है.’
PSLV-C56 / DS-SAR, सिंगापुर के एसटी इंजीनियरिंग के लिए न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) का कॉमर्शियल मिशन है. सिंगापुर का डीएस-एसएआर एक रडार इमेजिंग आधारित पृथ्वी निगरानी सेटेलाइट मिशन के लिए प्राइमरी सेटेलाइट है. इन उपग्रहों का उपयोग सिंगापुर सरकार के भीतर विभिन्न एजेंसियों की सेटेलाइट इमेजरी की जरूरतों को पूरा करने के लिए किया जाएगा. एसटी इंजीनियरिंग अपने कॉमर्शियल ग्राहकों के लिए मल्टी-मॉडल और उच्च प्रतिक्रियाशीलता इमेजरी और भू-स्थानिक सेवाओं के लिए इसका उपयोग करेगी.
#WATCH | Indian Space Research Organisation (ISRO) launches its PSLV-C56 with six co-passenger satellites from Satish Dhawan Space Centre (SDSC) SHAR, Sriharikota.
(Source: ISRO) pic.twitter.com/2I1pNvKvBH
— ANI (@ANI) July 30, 2023
यह मिशन पीएसएलवी की 58वीं उड़ान है. यह अकेले कोर कॉन्फ़िगरेशन में रॉकेट की 17वीं उड़ान भी है. इसरो के मुताबिक उपग्रहों को निर्धारित कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित करने की क्षमता के लिए इसका विश्वसनीय रॉकेट पीएसएलवी सही चयन है. वहीं न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड इसरो की कॉमर्शियल शाखा है और यह उपग्रह प्रक्षेपण अभियान सिंगापुर में ग्राहकों के लिए एक कॉमर्शियल परियोजना है. 14 जुलाई को लॉन्च किए गए चंद्रयान-3 मिशन के बाद इस महीने यह इसरो का दूसरा बड़ा सफल अभियान है.
अब चंद्रयान के चांद पर पहुंचने में बचे कितने दिन, क्यों लग रहा इतना समय
गौरतलब है कि इसरो ने ‘चंद्रयान-3’ को चंद्रमा की कक्षा में ऊपर उठाने की पांचवें चरण की प्रक्रिया को भी हाल ही में सफलतापूर्वक पूरा कर लिया था. इससे चंद्रयान-3 पृथ्वी की कक्षा से बाहर निकलेगा और एक अगस्त को निर्धारित कार्यक्रम के तहत चंद्रमा की तरफ बढ़ेगा. इसरो ने कहा कि चंद्रयान को कक्षा में ऊपर उठाने की अगली प्रक्रिया ‘ट्रांसलूनार इंजेक्शन (टीएलआई)’ एक अगस्त 2023 को मध्य रात्रि 12 बजे से एक बजे के बीच की जाएगी. टीएलआई की प्रक्रिया के बाद चंद्रयान-3 पृथ्वी की कक्षा से बाहर निकल जाएगा और उस रास्ते पर आगे बढ़ जाएगा, जो उसे चंद्रमा के करीब ले जाएगा.
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Tags: Chandrayaan-3, ISRO, ISRO satellite launch
FIRST PUBLISHED : July 30, 2023, 06:45 IST
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