चंद्रयान-3 की आखिरी डीबूस्टिंग भी रही सफल, अब सॉफ्ट लैंडिंग की तैयारी शुरू, ISRO ने बताया अगला प्लान
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हाइलाइट्स
इसरो ने चंद्रयान-3 का अंतिम डीबूस्टिंग ऑपरेशन पूरा किया.
इसके बाद अब मॉड्यूल की आंतरिक जांच की जाएगी.
सॉफ्ट लैंडिंग की कोशिश 23 अगस्त को शुरू होने की उम्मीद.
नई दिल्ली. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने रविवार तड़के कहा कि चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) का दूसरा और अंतिम डीबूस्टिंग ऑपरेशन सफलतापूर्वक पूरा किया गया है. इसरो ने चंद्रयान-3 की रफ्तार को घटाने और उसे चंद्रमा की करीबी कक्षा में भेजने के लिए जरूरी इस काम को अंजाम दिया है. इसके बाद अब मॉड्यूल की आंतरिक जांच की जाएगी. पावर्ड डिसेंट 23 अगस्त को शुरू होने की उम्मीद है. जिसके दौरान चंद्रयान-3 को चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग को पूरा किया जाएगा. डीबूस्टिंग चंद्रयान को एक ऐसी कक्षा में स्थापित करने के लिए धीमा करने की प्रक्रिया है, जहां कक्षा का चंद्रमा से निकटतम बिंदु (पेरिल्यून) 30 किमी. है और सबसे दूर का बिंदु (अपोल्यून) 100 किमी है.
इसरो ने एक्स (पहले ट्विटर) पर कहा कि ‘दूसरे और अंतिम डीबूस्टिंग ऑपरेशन ने एलएम कक्षा को सफलतापूर्वक 25 किमी. x134 किमी. तक कम कर दिया है. मॉड्यूल को आंतरिक जांच से गुजरना होगा और निर्दिष्ट लैंडिंग स्थल पर सूर्योदय का इंतजार करना होगा. पावर्ड डिसेंट 23 अगस्त को भारतीय समय (IST) के मुताबिक लगभग 1745 बजे शुरू होने की उम्मीद है.’ इससे पहले शुक्रवार को चंद्रयान-3 का विक्रम लैंडर एक महत्वपूर्ण डीबूस्टिंग प्रक्रिया से गुजरा और एक दिन पहले प्रोपल्शन मॉड्यूल से सफलतापूर्वक अलग होने के बाद थोड़ी निचली कक्षा में उतर गया.
Chandrayaan-3 Mission:
The Lander Module (LM) health is normal.LM successfully underwent a deboosting operation that reduced its orbit to 113 km x 157 km.
The second deboosting operation is scheduled for August 20, 2023, around 0200 Hrs. IST #Chandrayaan_3#Ch3 pic.twitter.com/0PVxV8Gw5z
— ISRO (@isro) August 18, 2023
इसरो ने पहले कहा था कि ‘लैंडर मॉड्यूल (एलएम) की स्थिति सामान्य है. एलएम ने सफलतापूर्वक एक डीबूस्टिंग ऑपरेशन किया, जिससे इसकी कक्षा 113 किमी. x157 किमी. तक कम हो गई. दूसरा डीबूस्टिंग ऑपरेशन 20 अगस्त को लगभग 0200 बजे आईएसटी के लिए निर्धारित है.’ चंद्रयान-3 मिशन के लैंडर का नाम विक्रम साराभाई (1919-1971) के नाम पर रखा गया है. जिन्हें भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम का जनक माना जाता है. इसरो फिलहाल चंद्रमा पर सफल सॉफ्ट लैंडिंग करने के लिए कोशिश कर रहा है. जिससे अमेरिका, रूस और चीन के बाद यह उपलब्धि हासिल करने वाला भारत दुनिया का चौथा देश बन जाएगा.
भारत के तीसरे मून मिशन चंद्रयान-3 के घोषित उद्देश्य सुरक्षित और सॉफ्ट लैंडिंग, चंद्रमा की सतह पर रोवर का घूमना और यथास्थान पर वैज्ञानिक प्रयोग हैं. चंद्रयान-3 की स्वीकृत लागत 250 करोड़ रुपये है, जिसमें रॉकेट का खर्च शामिल नहीं है. चंद्रयान-2 मिशन को 2019 में चंद्र सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग के दौरान कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा था. जिसके बाद चंद्रयान-3 इसरो का ताजा प्रयास है. भारत का एक सफल चंद्र मिशन इसे सौर मंडल के बाकी हिस्सों और उससे आगे का पता लगाने में भी सक्षम बनाएगा.
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Tags: Chandrayaan 2, Chandrayaan-3, ISRO, Mission Moon
FIRST PUBLISHED : August 20, 2023, 06:08 IST
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