क्या है वक्फ बोर्ड और कितनी संपत्ति का मालिक? क्यों अंग्रेजों ने बताया था अवैध, अब ‘नकेल’ की तैयारी में केंद्र
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वक्फ बोर्ड (Waqf Board) अब किसी भी संपत्ति को वक्फ संपत्ति घोषित नहीं कर सकेगा. केंद्र सरकार, वक्फ बोर्ड को लेकर बड़ा कदम उठाने जा रही है. टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में वक्फ एक्ट में 40 बदलाव पर चर्चा हुई है. जिसमें यह भी कहा गया है कि अगर वक्फ बोर्ड किसी भी प्रॉपर्टी पर दावा करता है तो उसका अनिवार्य तौर पर वेरिफिकेशन होगा.
इसके अलावा अगर किसी प्रॉपर्टी को लेकर वक्फ बोर्ड और किसी व्यक्ति के बीच विवाद चल रहा है तो उसका भी वेरीफिकेशन कराया जाएगा. केंद्र सरकार वक्फ एक्ट में बदलाव को लेकर अगले हफ्ते संसद में एक विधेयक भी पेश कर सकती है.
क्या है वक्फ बोर्ड? (What is Waqf Boar)
वक्फ अरबी भाषा का शब्द है, जिसका मतलब होता है खुदा के नाम पर अर्पित वस्तु या लोकोपकारार्थ दिया गया धन. इसके दायरे में चल और अचल दोनों तरह की संपत्तियां आती हैं. कोई भी मुस्लिम व्यक्ति पैसा, जमीन, मकान या कोई और कीमती चीज वक्फ को दान कर सकता है. इन संपत्तियों के रख-रखाव और उसे मैनेज करने के लिए स्थानीय स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक वक्फ बॉडीज होती हैं.
इस्लाम के जानकारों के मुताबिक वक्फ बोर्ड को जो संपत्ति दान में मिलती है, उसका मकसद गरीब और जरूरतमंदों की मदद, उनकी पढ़ाई-लिखाई की व्यवस्था, मस्जिदों का निर्माण, मरम्मत या रख-रखाव और अन्य धर्मार्थ कार्यों में मदद है. वक्फ एसेट्स मैनेजमेंट सिस्टम ऑफ इंडिया (Waqf Assets Management System of India) के मुताबिक देश में कुल 30 वक्फ बोर्ड हैं. अधिकतर के मुख्यालय दिल्ली में है. केंद्र सरकार का सेट्रल वक्फ काउंसिल (Central waqf Council) इन वक्फ बोर्डों के साथ तालमेल कर काम करता है.
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क्या है वक्फ एक्ट 1954
साल 1954 में जवाहर लाल नेहरू की सरकार के समय वक्फ एक्ट (Waqf Act 1954) पास किया गया, जिसका मकसद वक्फ से जुड़े कामकाज को सरल बनाना और तमाम प्रावधान करना था. इस एक्ट में वक्फ की संपत्ति पर दावे से लेकर रख-रखाव तक को लेकर प्रावधान हैं. इस एक्ट में दिये गए प्रावधानों के मुताबिक साल 1964 में अल्पसंख्यक मंत्रालय के अधीन केंद्रीय वक्फ परिषद (Central Waqf Board) का गठन हुआ. यह वक्फ बोर्डों के कामकाज के मामलों में एक तरीके से केंद्र सरकार को सलाह देती है.
साल 1995 में वक्फ एक्ट (Waqf Act) में बदलाव भी किया गया और हर राज्य/केंद्र शासित प्रदेश में वक्फ बोर्ड बनाने की अनुमति दी गई.
वक्फ बोर्ड के पास कितनी संपत्ति?
वक्फ बोर्ड जमीन के मामले (Waqf Board Property) में रेलवे और कैथोलिक चर्च के बाद तीसरे नंबर पर है. आंकड़ों के मुताबिक वक्फ बोर्ड के पास 8 लाख एकड़ से ज्यादा जमीन है. साल 2009 में यह जमीन 4 लाख एकड़ हुआ करती थी, जो कुछ सालों में बढ़कर दोगुनी हो गई है. इन जमीनों में ज्यादातर मस्जिद, मदरसा, और कब्रगाह हैं. पिछले साल अल्पसंख्यक मंत्रालय ने लोकसभा में बताया था कि दिसंबर 2022 तक वक्फ बोर्ड के पास कुल 8,65,644 अचल संपत्तियां थीं.
वक्फ बोर्ड (Waqf Board) को ज्यादातर संपत्तियां मुस्लिम शासनकाल में मिलीं. दिल्ली सल्तनत की स्थापना के साथ ही वक्फ को संपत्तियां मिलती रहीं. मुगलों के शासनकाल में भी वक्फ संस्थाओं को मस्जिद, मदरसा, कब्रगाह के लिए बेहिसाब जमीनें मिलीं. इसके अलावा 1947 में बंटवारे के वक्त पाकिस्तान जाने वाले तमाम मुसलमानों ने भी अपनी संपत्ति वक्फ को दान कर दी.
अंग्रेजों ने क्यों वक्फ को बताया था अवैध?
वक्फ बोर्ड (Waqf Board) की संपत्तियों को लेकर विवाद नया नहीं हैं. अंग्रेजों के जमाने से लड़ाई चलती आ रही है. अंग्रेजी शासनकाल के दौरान वक्फ की संपत्ति पर कब्जे को लेकर विवाद बढ़ा कि यह लंदन स्थित प्रिवी काउंसिल तक पहुंचा. इसके बाद ब्रिटेन में चार जजों की बेंच बैठी और वक्फ को अवैध करार दे दिया. हालांकि इस फैसले को ब्रिटिश भारत की सरकार ने नहीं माना. मुसलमान वक्फ वैलिडेटिंग एक्ट 1913 लाकर वक्फ बोर्ड को बचा लिया.
वक्फ प्रॉपर्टी को लेकर क्यों विवाद?
इसके बाद से अक्सर वक्फ की संपत्तियों को लेकर विवाद (Waqf Board Property) होता रहता है. सबसे ज्यादा विवाद वक्फ बोर्ड को दिये अधिकारों को लेकर है. वक्फ बोर्ड को अधिकार दिया गया है कि वह किसी भी संपत्ति की जांच कर सकता है और अगर किसी संपत्ति पर अपना दावा कर दे तो इसे पलटना मुश्किल हो जाता है. वक्फ एक्ट के सेक्शन 85 में कहा गया है कि बोर्ड के फैसले को सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट में चुनौती भी नहीं दी जा सकती.
Tags: Central government, Delhi Waqf Board, Shia waqf board, Waqf Board
FIRST PUBLISHED : August 4, 2024, 11:30 IST
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