आज अधिक मास का दूसरा प्रदोष, बन रहे 2 शुभ संयोग, जानें महादेव की पूजा का शुभ मुहूर्त और इसका महत्व

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vastu tips 10 आज अधिक मास का दूसरा प्रदोष, बन रहे 2 शुभ संयोग, जानें महादेव की पूजा का शुभ मुहूर्त और इसका महत्व

Adhik Maas Ravi Pradosh Vrat 2023 : सावन अधिक मास में महादेव को प्रसन्न करने के लिए भक्त कई जतन करते हैं. ये पावन माह भोलेनाथ का अति प्रिय महिना माना जाता है. आज अधिक मास का दूसरा और श्रावण मास का तीसरा प्रदोष व्रत है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भोलेनाथ के निमित्त व्रत करने वाले जातकों को मनचाहा वरदान प्राप्त होता है. इसके अलावा व्रत करने वाले को कई तरह के रोगों से छुटकारा भी मिल सकता है. आज का प्रदोष व्रत बेहद खास माना जा रहा है, क्योंकि आज के दिन पूजा के समय दो शुभ योगों का निर्माण हो रहा है. भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा बता रहे हैं प्रदोष व्रत की पूजा का शुभ मुहूर्त और शुभ संयोग के बारे में.

अधिक मास 2023 दूसरा प्रदोष व्रत

हिंदू पंचांग के अनुसार, इस वर्ष मलमास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदयाी तिथि का शुभारंभ आज 13 अगस्त दिन रविवार को सुबह 08:19 बजे पर हो रहा है. इस तिथि का समापन अगले दिन 14 अगस्त 2023 दिन सोमवार को सुबह 10:25 बजे होगा. 13 अगस्त को प्रदोष पूजा का मुहूर्त माना जा रहा है.

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प्रदोष व्रत पर बन रहे 2 शुभ संयोग

आज यानी 13 अगस्त 2023 दिन रविवार को अधिक मास के दूसरे प्रदोष व्रत पर भोलेनाथ की पूजा के समय सिद्धि योग और पुनर्वसु नक्षत्र का निर्माण हो रहा है. ये दोनों ही योग बहुत शुभ फलदायी माने जाते हैं. पुनर्वसु नक्षत्र से जातक को धन, मान, सम्मान और यश की प्राप्ति होती है इस नक्षत्र के देव गुरु बृहस्पति माने जाते हैं. वहीं सिद्धि योग में जो भी काम किए जाते हैं वे सफल होते हैं.

रवि प्रदोष यानी 13 अगस्त 2023 पर दोपहर 03:56 बजे से सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है, जो अगले दिन यानी 14 अगस्त 2023 तक रहेगा. वहीं पुनर्वसु नक्षत्र 13 अगस्त 2023 को सुबह 08:26 बजे से शुरू हो रहा है.

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प्रदोष व्रत 2023 का पूजा मुहूर्त

अधिक मास के दूसरे प्रदोष व्रत करने वाले जातक शाम के समय भगवान शिव की पूजा करेंगे. इस दिन महादेव की पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 07:03 बजे से रात 09:12 बजे तक रहेगा है. प्रदोष वाले दिन पूजा के लिए 2 घंटे से अधिक का समय मिलेगा. प्रदोष व्रत की पूजा हमेशा प्रदोष काल में ही करने से लाभ प्राप्त होता है.

Tags: Dharma Aastha, Lord Shiva, Religion, Sawan

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