सावन में भोले भंडारी का इन 5 चीजों से करें अभिषेक, पंडित कहते हैं-नहीं होगी धन की कमी, शत्रुओं का होगा नाश

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करौली. भोलेनाथ की आराधना का सबसे पावन मास सावन चल रहा है. शिवालयों में हर – हर महादेव के जयकारे तेजी से गूंज रहे हैं. भक्त भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए करने के लिए सहस्त्रधारा से उनका अभिषेक कर रहे हैं. कोई भोलेनाथ का खास और भस्म श्रृंगार कर, अन्य कई तरीकों उन्हें रिझाने की कोशिश कर रहा है.

अगर आप भोलेनाथ को अपनी भक्ति से सावन मास में प्रसन्न करना चाहते हैं तो कुछ वस्तुएं ऐसी हैं जिन्हें आप सावन मास में अर्पण कर सकते हैं. इससे भोलेभंडारी न प्रसन्न होंगे. बल्कि, जीवन के सभी रोग – दोष भी समाप्त कर देंगे. ज्योतिषियों के अनुसार सावन में कुछ खास चीजों से भोलेनाथ का अभिषेक करने से घर में कभी धन की कमी नहीं होगी और शत्रुओं से भी छुटकारा मिल जाएगा. आदिदेव भोलेनाथ आपकी सभी मनोवांछित इच्छाएं भी पूरी करेंगे.

इन 5 तत्वों से जरूर करें अभिषेक
कर्मकांड ज्योतिषी पं मनीष उपाध्याय बताते हैं सावन में भोलेनाथ की सेवा पूजा कच्चे दूध, दही, शहद, घी और और बूरा चढ़ाकर जरूर करनी चाहिए. इसे पंचामृत कहते हैं. इन पांच चीजों यानी पंचामृत चढ़ाने से भोलेनाथ सभी मनोवांछित इच्छाओं को पूरी कर देते हैं.

शत्रुओं का करें नाश
पं.उपाध्याय बताते हैं सावन में अगर सरसों के तेल से शिव का रुद्राभिषेक करते हैं तो इससे आपका शत्रुदोष समाप्त हो जाएगा. सावन में इस उपाय को करने से आपके जीवन से शत्रुओं का नाश हो जाएगा.

धन प्राप्ति के उपाय
अगर आप अपने जीवन में खूब सारा धन चाहते हैं तो सावन मास में शुद्ध मधु से भोलेनाथ का अभिषेक करें. ज्योतिषी का कहना है शहद से भोलेनाथ का अभिषेक करने से घर में कभी धन की कमी नहीं आती है.

संतान की प्राप्ति के लिए करें यह
पं. मनीष उपाध्याय बताते हैं अगर आप सावन में भोलेनाथ से संतान, पुत्र और पौत्र की प्राप्ति चाहते हैं तो दूध से भोलेनाथ की खूब सेवा करें. भोलेनाथ न केवल इन चीजों से प्रसन्न होते हैं बल्कि प्रकृति ने हमें ऐसी कई औषधि दी हैं जिनसे वो प्रसन्न होते हैं. इन औषधियों को चढ़ाने के बाद कैसा भी असाध्य रोग क्यों ना हों वह भी पूरी तरह समाप्त हो जाता है.

असाध्य रोगों से मुक्ति पाएं
पं उपाध्याय बताते हैं भोलेनाथ की आराधना में औषधियों का भी काफी महत्व हैं. बहुत सारी ऐसी औषधि हैं जिनसे भोलेनाथ को स्नान कराने से वह प्रसन्न हो जाते. कुशोदक एक ऐसी ही औषधि है. चाहें कैसा भी रोग क्यों ना हो, सावन मास में अगर कुशा के जल से भोलेनाथ का स्नान कराया जाए तो वह रोग भी समाप्त हो जाता है.
(Disclaimer: चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, वास्तु, फेंगशुई आदि विषयों पर आलेख अथवा वीडियो समाचार सिर्फ पाठकों/दर्शकों की जानकारी के लिए है. इनसे संबंधित किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूरी है. हमारा उद्देश्य पाठकों/दर्शकों तक महज सूचना पहुंचाना है. इसके अलावा, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की होगी. Local 18 इन तथ्यों की पुष्टि नहीं करता है.)

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