रियल एस्टेट सेक्टर ने 10 सालों में खोला 3 करोड़ नौकरियों का पिटारा, साल 2013 में डेटा था इतना

[ad_1]

नई दिल्ली. भारतीय रियल एस्टेट सेक्टर में मिलने वाला कुल रोजगार पिछले कैलेंडर वर्ष में बढ़कर 7.1 करोड़ हो गया, जबकि 2013 में यह डेटा 4 करोड़ था. रियल एस्टेट कंसल्टेंट एनारॉक (Anarock) और इंडस्ट्री बॉडी नारेडको (NAREDCO) ने अपनी संयुक्त रिपोर्ट में कहा कि इस तरह पिछले 10 साल में इंडस्ट्री ने 3 करोड़ से ज्यादा नई नौकरियां दीं.

रिपोर्ट के मुताबिक, नरेंद्र मोदी सरकार के कई नीतिगत सुधारों से समर्थन पाकर हाउसिंग सेगमेंट ने हेल्दी ग्रोथ दर्ज की, जिसके चलते रोगजार के मौके भी तेजी से बढ़े. एनारॉक-नारेडको की सोमवार (8 अप्रैल) को जारी रिपोर्ट ‘रियल एस्टेट अनबॉक्स्ड: द मोदी इफेक्ट’ (Real Estate Unboxed: The Modi Effect) में कहा गया कि भारत के रेसिडेंशियल रियल एस्टेट मार्केट को मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के कई रिफॉर्म्स से काफी फायदा हुआ है. इन सुधारों से इंडस्ट्री को मजबूत होकर उभरने और नई ऊंचाइयां छूने में मदद मिली.

ये भी पढ़ें- भारतीय शेयर बाजार ने रचा इतिहास, पहली बार बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 400 लाख करोड़ के पार

कुल वर्क फोर्स में रियल एस्टेट सेक्टर की हिस्सेदारी 18% से ज्यादा
देश के कुल वर्क फोर्स में रियल एस्टेट सेक्टर की हिस्सेदारी 18 फीसदी से ज्यादा है. भारत के टॉप-7 प्राइमरी रेसिडेंशियल मार्केट्स में 2014 और 2023 के बीच कुल 29.32 लाख यूनिट्स तैयार हुईं और 28.27 लाख यूनिट्स की बिक्री हुई.

विभिन्न योजनाओं से 10 सालों में रियल एस्टेट सेक्टर को मिली मजबूती
नारेडको के नेशनल प्रेसिडेंट जी हरि बाबू ने कहा कि रियल एस्टेट रेगिलेंशंस एंड डेवलपमेंट एक्ट (RERA), जीएसटी (GST) और प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) जैसी विभिन्न योजनाओं के जरिए सरकार ने पिछले 10 सालों में रियल एस्टेट सेक्टर को मजबूती दी.

टॉप-7 मार्केट्स में घरों की मांग और कीमतों में महत्वपूर्ण ग्रोथ
एनारॉक के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा कि टॉप-7 मार्केट्स – दिल्ली-एनसीआर, मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन (MMR), कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद और पुणे में घरों की मांग और कीमतों में महत्वपूर्ण ग्रोथ हुई.

Tags: Indian real estate sector, Job, Real estate

[ad_2]

Source link

x