म्यांमार में नहीं थम रही सिविल वॉर… बड़े हिस्से पर विद्रोहियों का कब्जा, 6 महीने के लिए सेना ने उठाया ये कदम
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म्यांमार में बीते साढ़े तीन साल से मिलिट्री शासन लागू है.सेना ने आंग सान सू की की सरकार का तख्ता पलट कर दिया था.पूरे म्यांमार में इस वक्त सिविल वॉर की स्थिति बनी हुई है.
नई दिल्ली. भारत के पड़ोसी देश म्यांमार में सिविल वॉर थमने का नाम ही नहीं ले रही है. यही वजह है कि सत्ता में काबिज मिलिट्री ने देश में इमरजेंसी को छह महीने के लिए और आगे बढ़ा दिया है. आधिकारिक बयान में मिलिट्री की तरफ से कहा गया कि लंबे समय से वादा किए गए चुनावों की तैयारी के लिए समय चाहिए. बता दें कि म्यांमार में इमरजेंसी की स्थिति तब घोषित की गई थी जब सैनिकों ने 1 फरवरी, 2021 को आंग सान सू की की सरकार को तख्ता पलट कर दिया था.
आंग सान सू की और उनकी नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी पार्टी के सदस्यों को गिरफ़्तार कर लिया था. तब देश में इमरजेंसी लगा दी गई थी. इमरजेंसी का यह आदेश सेना को सभी सरकारी कार्य संभालने का अधिकार देता है, जिससे सत्तारूढ़ सैन्य परिषद के प्रमुख, वरिष्ठ जनरल मिन आंग ह्लाइंग को विधायी, न्यायिक और कार्यकारी शक्तियां मिलती हैं. फिलहाल, सैन्य शासन सत्ता संभालने के बाद से अपनी सबसे बड़ी चुनौती का सामना कर रहा है. जातीय अल्पसंख्यक मिलिशिया और लोगों की सेना के जवानों से हाल के महीनों में भीषण लड़ाई में बड़े पैमाने पर क्षेत्र पर कब्ज़ा कर लिया है.
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कुछ रिपोर्ट्स की माने तो म्यांमार की सेना इस वक्त देश के आधे से भी कम हिस्से पर नियंत्रण रखती है. हालांकि राजधानी नेपीडॉ सहित मध्य म्यांमार के अधिकांश हिस्से पर सेना का मज़बूत कब्ज़ा है. विद्रोहियों द्वारा इस हिस्से पर हाल ही में छोटे रॉकेट और बम विस्फोटों का निशाना बनाया गया है. सरकारी एमआरटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, इमरजेंसी की स्थिति को बढ़ाने की अनुमति राष्ट्रीय रक्षा और सुरक्षा परिषद द्वारा दी गई है.
Tags: International news, Myanmar Violence, World news
FIRST PUBLISHED : July 31, 2024, 19:00 IST
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