देखिए Video: 65 साल के बुजुर्ग की कलाकारी के दीवाने हैं लोग, पेड़ की छाल से बना देते हैं भगवान गणेश की आकृति
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अल्मोड़ा: उम्र का पड़ाव किसी भी चीज का मोहताज नहीं होता है, ये बात हम इसलिए बोल रहे हैं, क्योंकि उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के रहने वाले धीरेंद्र कुमार पांडे 65 साल की उम्र में गजब की कलाकारी करते हुए नजर आते हैं. वह चीड़ के पेड़ की छाल से ऐसी-ऐसी खूबसूरत आकृतियां बनाते हैं, जिसको देखकर हर कोई मोहित हो जाता है.
9 साल से छाल पर बना रहे हैं आकृतियां
धीरेंद्र बताते हैं कि वह पिछले 9 साल से इसका काम कर रहे हैं और अभी तक 50 से भी ज्यादा अलग-अलग आकृतियां भी बना चुके हैं, जिसमे भगवान गणेश की आकृति, प्रकृति से संबंधित दृश्य, जागेश्वर मंदिर के समूह, गौतम बुद्ध, महात्मा गांधी, नंदा देवी, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के अलावा ऐसे तमाम आकृतियां वह बना चुके हैं. इसके अलावा उनके द्वारा बनाए जाने वाली इन आकृतियों को लोग विभिन्न राज्यों से खरीदने आते हैं.
एक आकृति बनाने में लगता है 4 दिन
दरअसल, धीरेंद्र कुमार पांडे पेड़ से निकलने वाली छाल को घर में लाकर इससे अलग-अलग आकृतियों का निर्माण करते हैं. इसके लिए उन्होंने एक अलग ही कमरा बनाया है. आकृति बनाने से पहले वह पेड़ की छाल में उस आकृति के बारे में सोचते हैं, फिर उसके बाद कटिंग करने के साथ उसमें फिनिशिंग का काम किया जाता है और तब जाकर इसमें अलग-अलग आकृतियों का रूप निखर कर आता है. लोकल 18 से खास बातचीत करते हुए धीरेंद्र ने बताया कि एक आकृति को बनाने में करीब 2 से 4 दिन का समय लगता है और वह अपने शौक को ऐसे ही बरकरार रखते रहेंगे.
सबसे पहले बनाई भगवान गणेश की आकृति
धीरेंद्र कुमार पांडे ने लोकल 18 से बातचीत करते हुए बताया कि पहाड़ी क्षेत्रों में चीड़ के पेड़ काफी पाए जाते हैं और उनके पेड़ से निकलने वाली छाल सिर्फ जलाने के काम आती है. 8 साल पहले जब वह अल्मोड़ा में आए थे, तब किसी ने चीड़ के पेड़ से निकलने वाली छाल के ऊपर काम करने के लिए कहा था. सबसे पहले उन्होंने गणेश की आकृति बनाई थी और उन्होंने शादी विवाह, जन्मदिन या फिर अन्य कोई भी समारोह हुआ करता था तो वह लोगों को इसे भेंट में दिया करते थे और लोगों ने इसके लिए उन्हें काफी मोटिवेट भी किया.
स्टॉल के माध्यम से करते हैं बिक्री
धीरेंद्र बताता हैं कि इसके बाद तब से लेकर आज तक वह 50 से अधिक आकृतियां बना चुके हैं. उनके द्वारा बनाई गई आकृतियों को लोग काफी अप्रिशिएट भी करते हैं. उनके द्वारा बनाई जाने वाली इन आकृतियों को वह स्टॉल के माध्यम से भी लगते हैं और लोग इन्हें खरीदते भी आते हैं, जो भी लोग उनसे मिलते हैं या फिर इन्हें खरीदते हैं तो उनका मानना रहता है कि वह वेस्ट प्रोडक्ट से इन चीजों को तैयार कर रहे हैं, जो सबसे बेहतर है. उनका यह भी मानना है कि आजकल के समय में लोग सोशल मीडिया या फिर फोन में उलझे रहते हैं. अगर वह उसे वक्त कुछ क्रिएटिव करें, तो उन्हें बहुत कुछ सीखने को मिल सकता है.
Tags: Almora News, Local18
FIRST PUBLISHED : August 13, 2024, 17:10 IST
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