अमृत रत्‍न सम्‍मान: भारत के ‘वन पुरुष’ जादव पायेंग, 42 साल से लगा रहे पौधे, सैकड़ों हेक्‍टेयर बंजर जमीन को बना दिया हरा-भरा – amrit ratna samman 2024 india forest man jadav payeng prifile environmentalist padma shri award

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नई दिल्‍ली. पर्यावरणविद और भारत के वन पुरुष के नाम से मशहूर जादव पायेंग को देश में कौन नहीं जानता है. उन्‍होंने सैकड़ों एकड़ बंजर जमीन पर पौधे लगाकर उसे हरा-भरा कर दिया. इसके लिए उन्‍हें पद्म श्री सम्‍मान से सम्‍मानित किया जा चुका है. जादव पायेंग को न्‍यूज 18 इंडिया के प्रतिष्ठित ‘अमृत रत्‍न’ से भी नवाजा जा चुका है. असम के माजुली में रहने वाले जादव मोलाई पायेंग के लिए प्रकृति और पर्यावरण ही जीवन है. जीवों के अस्तित्व और पर्यावरण संरक्षण के लिए जादव पायेंग 42 साल से पौधे लगा रहे हैं. उन्होंने अपने दम पर सैकड़ों एकड़ बंजर जमीन को वन में बदल दिया. इसलिए उन्हें भारत का फॉरेस्ट मैन भी कहा जाता है.

साल 1979 में शुरू हुई पर्यावरण के लिए उनकी मुहिम अभी भी जारी है. 45 साल पहले जब जादव पायेंग 16 साल के थे, तब उन्होंने एक दिन में एक पौधा लगाना शुरू किया था. इसके बाद उन्‍हें भारत के वन पुरुष के रूप में पहचाना गया. हर दिन एक पौधा लगाने के उनके विचार से वन वृक्ष की स्थापना हुई. 42 साल तक चले इस आंदोलन से जादव पायेंग ने अकेले ही 550 हेक्टेयर जमीन को जंगल में बदल दिया.

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बंजर जमीन पर हरियाली
असम में 550 हेक्टेयर सूखी बंजर भूमि को हरे जंगल में बदल दिया गया है. वर्तमान में मुलई वन 1360 एकड़ क्षेत्रफल में फैला हुआ है. यह वन क्षेत्र हाथियों और अन्य पशुओं का आवास है. पद्म श्री पुरस्कार जीत चुके जादव पायेंग ने अपनी निस्‍वार्थ सेवा से न केवल देश बल्कि विदेशों में भी ख्‍याति अर्जित की है.

क्‍या कहते हैं जदव पायेंग?
पर्यावरण संरक्षण के लिए काम करने वाले फॉरेस्ट मैन ऑफ इंडिया जादव पायेंग अपनी इस यात्रा के बारे में दिलचस्‍प बात बताई है. उन्‍होंने कहा, ‘मैं 42 साल से रोज पौधे लगा रहा हूं. मैं सुबह तीन बजे उठता हूं और पांच बजे नाव से जंगल पहुंच जाता हूं. इसी जंगल में हमारी शादी हुई थी. हमारे यहां बेटा-बेटी भी पैदा हुए थे. हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं. हमें धरती माता से प्रेम करना चाहिए.’

देश के करोड़ों लोगों से अपील
जादव पायेंग ने देश की करोड़ों लोगों से बड़ी अपील की है. उन्‍होंने देश के 140 करोड़ भारतीय से अपील करते हुए कहा कि उन्‍हें प्रकृति से प्रेम करना चाहिए. पर्यावरण की रक्षा करें तभी हम सब आराम से रह सकते हैं. जादव पायेंग ने बताया कि सरकार ने उन्‍हें पद्म श्री से सम्मानित किया, लेकिन उन्‍हें पैसों की जरूरत नहीं है. मैं सरकार की ओर से दिए गए इस सम्मान को बहुत बड़ा सम्मान मानता हूं.

Tags: Amrit Ratna, Amrit Ratna Honour, National News

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