अपनों के बगाबती होने से बंगाल का किला फतह कर पाएंगी ममता बनर्जी! टिकट बंटवारे को लेकर टीएमसी में फूट
[ad_1]
लोकसभा सीटों के लिए जैसे-जैसे प्रत्याशियों के नामों का ऐलान होता जा रहा है, पार्टियों में असंतोष सामने आने लगा है. जिन्हें टिकट नहीं मिला है, उन्होंने पार्टी के खिलाफ बगावती सुर बोलने शुरू कर दिए है. उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र के बाद सबसे अधिक 42 लोकसभा सीटों वाले पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के भीतर ये बगावती सुर अब विस्फोट बनकर फूटने लगे हैं. ऐसे में रूठे नेताओं के चलते ममता बनर्जी के सामने बंगाल का किला फतह करने की रणनीति तैयार करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. और ऐसा नहीं है कि विरोध के ये स्वर केवल टीएमसी में ही फूट रहे हैं, बीजेपी को भी कुछ इस तरह की ही परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
लोकसभा चुनाव में टिकट बंटवारे को लेकर पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस-टीएमसी और विपक्षी भारतीय जनता पार्टी-बीजेपी दोनों में ही असंतोष है. दोनों खेमों के कई नेता चुनाव के लिए प्रत्याशियों के चयन को लेकर नाखुशी जता चुके हैं. चुनाव लड़ने के इच्छुक टीएमसी के कई नेताओं ने उन सीट से टिकट नहीं दिए जाने पर खुलकर नाखुशी व्यक्त की है, जिन पर उनकी नजर थी. बीजेपी में भी उम्मीदवार चयन करने को लेकर कुछ प्रभावशाली नेताओं में इसी तरह का असंतोष देखा गया है. हालांकि, टीएमसी और भाजपा चुनाव प्रचार के बीच असंतोष पर ज़्यादा ध्यान नहीं दे रहे हैं.
26 नए चेहरों को टिकट
टीएमसी ने अपने मौजूदा 23 सांसदों में से 16 को फिर से मैदान में उतारा है जबकि सात मौजूदा सांसदों का टिकट काटा है. टीएमसी उम्मीदवारों की सूची में 26 नए चेहरे शामिल हैं और 11 उम्मीदवार अनुभवी हैं. वर्ष 2019 के चुनावों में 18 सीटों पर हारने वाले एक भी उम्मीदवार को इस बार टिकट नहीं दिया गया है.
राज्यसभा सदस्य मौसम बेनजीर नूर और टीएमसी प्रवक्ता शांतनु सेन सहित पार्टी के कम से कम पांच वरिष्ठ नेताओं ने टिकट नहीं देने पर असंतोष व्यक्त किया है. बेनजीर नूर मालदा उत्तर से और शांतनु सेन दमदम सीट से टिकट मांग रहे थे. यहां तक कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के छोटे भाई बाबुन बनर्जी ने भी हावड़ा सीट से टिकट नहीं देने पर नाराजगी जताई है. हावड़ा सीट से टीएमसी ने मौजूदा सांसद प्रसून बनर्जी को फिर से अपना उम्मीदवार बनाया है. टिकट को लेकर हुई खींचातानी के बाद मुख्यमंत्री ने अपने भाई के साथ रिश्ते तोड़ लिए हैं.
पूर्व वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया बीजेपी में शामिल, गाजियाबाद से मिल सकता है लोकसभा टिकट
कांग्रेस के गढ़ बहरामपुर सीट से पूर्व क्रिकेटर यूसुफ पठान को उतारने के बाद टीएमसी के अंदर बहस छिड़ गई, और पार्टी के भरतपुर विधायक हुमायूं कबीर ने एक ‘बाहरी व्यक्ति’ को टिकट देने की आलोचना की और निर्दलीय के तौर पर चुनाव लड़ने का संकेत दिया. हालांकि, टीएमसी के शीर्ष नेतृत्व के हस्तक्षेप के बाद हुमायूं कबीर ने अपना रुख बदल दिया और पार्टी उम्मीदवार की जीत के लिए काम करने का फैसला किया.
उधर, बैरकपुर से बीजेपी के मौजूदा सांसद अर्जुन सिंह दो साल पहले तृणमूल कांग्रेस में चले गए थे और टिकट नहीं मिलने के बाद भाजपा में लौट आए हैं. इसी तरह, टीएमसी के चार बार के विधायक और कोलकाता उत्तर से टिकट के दावेदार तापस रॉय इसी सीट से पांच बार के पार्टी सांसद सुदीप बंदोपाध्याय को दोबारा मैदान में उतारने पर नाराजगी के कारण बीजेपी में शामिल हो गए हैं.
टीएमसी के प्रवक्ता शुखेंद्रु शेखर रे पार्टी में असंतोष की खबरों पर कहा कि यह असंतोष नहीं निराशा है. उन्होंने कहा कि अर्जुन सिंह को छोड़कर बाकी सभी लोग अब भी टीएमसी में हैं और पार्टी के लिए काम कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि साल 2021 के विधानसभा चुनाव से पहले बर्धमान पूर्व से दो बार के सांसद सुनील मंडल भाजपा में चले गए थे लेकिन पार्टी की हार के बाद टीएमसी में लौट आए थे. उन्हें भी टिकट नहीं दिया गया है और सीट से राजनीति में नए चेहरे को टिकट दिया गया है.
बीजेपी में भी असंतोष
भारतीय जनता पार्टी ने पश्चिम बंगाल की 42 सीट में से अब तक 19 सीट के लिए उम्मीदवारों की घोषणा की है. केंद्रीय मंत्री और अलीपुरद्वार के सांसद जॉन बारला तथा राज्यसभा सदस्य अनंत महाराज ने उत्तर बंगाल की कुछ सीट पर उम्मीदवारों के चयन पर असंतोष जताया है. बारला का अनुसूचित जनजाति और महाराज का राजबंशी समुदाय पर खासा प्रभाव माना जाता है.
अलीपुरद्वार से भाजपा ने जॉन बारला की जगह विधानसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक मनोज तिग्गा को टिकट दिया है जबकि भाजपा ने कूच बिहार में केंद्रीय मंत्री निसिथ प्रमाणिक को फिर से उतारा. ग्रेटर कूच बिहार राज्य आंदोलन में प्रमुख भूमिका निभाने वाले महाराज ने उनकी उम्मीदवारी का विरोध किया था. हालांकि, भाजपा भी महाराज और बारला को मनाने की कोशिश कर रही है. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा कि पार्टी उनसे बात कर चुकी है और मुद्दों को सुलझा लिया जाएगा.
(इनपुट भाषा से)
.
Tags: 2024 Lok Sabha Elections, Loksabha Election 2024, Loksabha Elections, Mamta Banerjee, West bengal
FIRST PUBLISHED : March 24, 2024, 14:07 IST
[ad_2]
Source link