चंद्रमा पर एस्ट्रोनॉट रह सकेंगे सेहतमंद, ‘मौत की दीवार’ करेगी फिटनेस में सहयोग, कसरत करना होगा आसान


आपने जरूर मेले में ऐसा “कुआं” देखा होगा जो एक बड़ी बेलनाकार संचरना होती है जिसमें गोल खड़ी दीवार पर मोटरसाइकल या कार चलाई जाती हैं. इसी दीवार को मौत की दीवार कहते हैं और चंद्रमा पर जाने वाले अंतरिक्ष यात्रियों को इसी तरह की “मौत की दीवार” पर ट्रेनिंग दी जाएगी जो उन्हें कमजोर स्थिति में चंद्रमा पर जाने से रोकेगी. गुरुत्वाकर्षण भार में अंतर का मतलब है कि चंद्रमा की सतह पर लंबे समय तक समय बिताने वाले अंतरिक्ष यात्रियों को फिट और स्वस्थ रहने के लिए अतिरिक्त तकनीक की आवश्यकता होगी.

ऐसा करने का एक तरीका अंतरिक्ष यात्रियों को गतिशील रखने के लिए एक विशाल दीवार की संरचना करना है.यह सुनिश्चित करने के लिए कि इस दुनिया से बाहर जाने वाले खोजकर्ता ज्यादा कमजोर न हो जाएं, इस संरचना का उपयोग अंतरिक्ष यात्रियों की फिटनेस को बनाए रखने के लिए किया जाएगा क्योंकि वे कभी न खत्म होने वाली दीवार के साथ दौड़ेंगे.

मिलान विश्वविद्यालय में फिजियोलॉजी के प्रोफेसर अल्बर्टो मिनेटी हैरान हैं कि अंतरिक्ष यात्री टीमों ने अभी तक चंद्रमा पर शारीरिक गतिविधि बनाए रखने की योजना पर विचार नहीं किया है. उन्होंने कहा  कि उन्हें हैरत है कि पहले किसी को यह विचार नहीं आया था. यह चंद्रमा पर प्रशिक्षण का एक सुविधाजनक तरीका हो सकता है.

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पृथ्वी पर वॉल ऑफ डेथ में दौड़ना बहुत मुश्किल है, लेकिन चंद्रमा पर यह आसान होगा और अच्छी कसरत हो सकती है. (प्रतीकात्मक तस्वीर: Wikimedia Commons)

दीवार का मतलब है कि पृथ्वी पर वापस आने वाले वैज्ञानिक एक आदर्श अंतरिक्ष यान पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं,  जिसमें अंतरिक्ष यात्रियों को फिट रखने के लिए लगातार चलती दीवार की आवश्यकता नहीं होती है. पृथ्वी पर वॉल ऑफ डेथ के परीक्षणों से पता चला है कि उपकरण का उपयोग करते समय अंतरिक्ष यात्रियों को सीधा रहने के लिए  संघर्ष करना पड़ता है, लेकिन कम गुरुत्वाकर्षण में उन्हें 8 मील प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ते हुए देखना चाहिए और गिरने का खतरा नहीं होना चाहिए.

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अंतरिक्ष यात्रियों को स्वस्थ स्थिति में रखने के लिए “कृत्रिम गुरुत्वाकर्षण” का उपयोग करने का मतलब होगा कि चंद्रमा स्थित नासा के सदस्यों की हड्डियां स्वस्थ होंगी और मांसपेशियों की ताकत बनी रहेगी. साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय में न्यूरोमस्कुलोस्केलेटल पुनर्वास की प्रोफेसर मारिया स्टोक्स ने मौत की दीवार के उपयोग के फायदों की पुष्टि की. उन्होंने कहा कि एक आड़ा चलने वाला सिलेंडर निश्चित रूप से चंद्रमा पर कम गुरुत्वाकर्षण में डीकंडीशनिंग को रोकने में मदद करने के लिए एक उपयोगी उपाय होने का वादा करता है.

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