आर्ट्स के दीवानों के लिए आकर्षण का बिन्दु है देहरादून कला केंद्र, दिग्गज कलाकार रहें है छात्र



3133611 HYP 0 FEATUREIMG 20230627 WA0094 आर्ट्स के दीवानों के लिए आकर्षण का बिन्दु है देहरादून कला केंद्र, दिग्गज कलाकार रहें है छात्र

हिना आज़मी/देहरादून. कला के शौकीनों के लिए राजधानी देहरादून में कला केंद्र पिछले 100 सालों से कला की कई विधाओं को लोगों को सिखा रहा है. इसमें हर उम्र के लोगों को ड्राइंग, पेंटिंग, स्केचिंग, पॉटरी, स्टैचू मेकिंग जैसी धाएं आप सीख सकते हैं.

कला केंद्र के संचालक कर्नल विजय दुग्गल ने जानकारी देते हुए कहा है कि कला केंद्र की स्थापना साल 1949 में द्विजेन्द्र सैन ने की थी. वह पहले शांतिनिकेतन में रहते थे इसके बाद देहरादून आकर उन्होंने कला की दुनिया में कुछ नया करने के लिए इसकी शुरुआत की. वह कला की कई विधाओं को लोगों को सिखाने लगे. साल 2002 में उनका निधन हुआ. उनका कहना है कि भले आज हमारे बीच दादा नहीं रहे हैं लेकिन देहरादून की कई जगहों पर उनकी बनाई गई मूर्तियां उनकी निशानियां हैं.

विदेशी कलाकारों की प्रदर्शनी का हो चुका है आयोजन
कला केंद्र के संचालक कर्नल विजय दुग्गल बताया कि दादा ने नंदलाल बोस, विनोद बिहारी मुखर्जी और रविंद्र नाथ टैगोर जैसे बड़े दिग्गजों से सीखा .उन्होंने बताया कि कला केंद्र में आर्ट्स के स्टूडेंट्स के लिए बीएफए 3 साल का डिग्री कोर्स करवाया जाता है तो वही 1 साल का डिप्लोमा कोर्स भी करवाया जाता है. उन्होंने बताया कि कला केंद्र की शुरुआत से अब तक यहां कई एग्जिबिशन लगाए गए हैं जिनमें विदेशी कलाकारों की भी कलाओं की प्रदर्शनी यहां हुई है.

दिग्गज कलाकार रहें है कला केंद्र के छात्र
कला केंद्र के संचालक कर्नल विजय दुग्गल कि पिछले 70 -75 सालों में कला केंद्र में पूर्व प्रधानमंत्री पंडित ,जवाहरलाल नेहरू इंदिरा गांधी और उत्तर प्रदेश के पूर्व गवर्नर के एम मुंशी जैसे कई बड़े राजनीतिक दिग्गज यहां आ चुके है.उन्होंने बताया कि रविंद्र नाथ टैगोर के बेटे रथी नाथ टैगोर भी देहरादून में रहने के लिए आए जो दादा के साथ शांतिनिकेतन में रहे. उन्होंने कला केंद्र में आकर दादा की प्रतिभा को देखा और वह इस बात को देखकर काफी खुश हुए कि दादा दूसरों को भी यह सिखा रहे हैं.तब से लेकर अब तक कला केंद्र में कई कलाकारों को सिखाया गया. कई लोग वहीं से सीखकर कला केंद्र में ही लोगों को सिखा रही हैं. यहां की फीस 3 हजार से शुरू होती है और कोर्स के हिसाब से ली जाती है. कुछ निर्धन परिवार के लोगों को ऐसे ही सिखाया जाता है.

कहां हैं देहरादून का कला केंद्र
देहरादून में रहने वाले वे लोग जो प्रोफेशनल, ड्राइंग, पेंटिंग के अलावा स्कल्पचर, पॉटरिंग जैसी विधाएं सीखना चाहते हैं तो वह अपनी जॉब या पढ़ाई के साथ इन्हें देख सकते हैं क्योंकि यह कोचिंग शाम 3 बजे से शुरू होती है. देहरादून के बुद्धा चौक के नजदीक कला केंद्र स्थित है जहां आप भी अपनी मनपसंद का कोर्स कर सकते हैं.

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